‘माँ’ तुम अनंत हो
कैसे व्यक्त करूँ तुम्हें मैं शब्दों में ….
तुम मेरा आस्तित्व हो तुम समा नहीं सतकी शब्दों-अर्थों में॥
हैप्पी मदर्स डे
मांग लूँ यह मन्नत की
फिर यही “जहाँ” मिले
फिर वही गोद ,
फिर वही माँ मिले…
Happy mother's day
रब ने माँ को यह आज़मत कमाल दी,
उसकी दुआ पर हर मुसीबत भी टाल दी…
माँ के प्यार की कुछ इस तरह मिसाल दी,
कि जन्नत उठाकर माँ के क़दमों में डाल दी!
ऐ अंधेरे देख ले, मुँह तेरा काला हो गया,
माँ ने आँखे खोल दी, घर में उजाला हो गया…
हमें जन्म देने के बाद माँ अपनी अंतिम सांसों तक
हमें ममता की छांव तले रखती है कि हमें एक खरोच तक न लगे
यही महानता है उनकी!
जिस के होने से मैं खुद को मुक्कमल मानती हूँ…
मेरे रब के बाद… मैं बस मेरी माँ को जानती हूँ !!!
मैं ही नहीं,
बड़े बड़े सूरमा भी याद करते हैं…
‘दर्द’ जब हद से ज्याद होता है तो,
सब “माँ” याद करते हैं |।।
अब कहाँ किसी को फिक्र रहती है, मेरे देर से घर आने की.,
माँ थी तो उसे िफक्र रहती थी, मेरे देर से घर आने की.!
वो हाथसिर पर रख दे तो आशीर्वाद बन जाता है..
उसको रुलाने वाला जल्लाद बन जाता है..
माँ का दिल ना दुखाना कभी..
उसका तो जूठा भी प्रसाद बन जाता है..
माँ अपने बच्चों पर सब निछावर करती है..
बिना लालच उन्हें प्यार करती है..
भगवान का दूसरा रूप है हमारी माँ..
जो हर दुख में हमारा साथ देती है..
Happy Mumma Day
लबों पर उसके कभी बददुआ नहीं होती,
बस एक माँ है जो कभी खफ़ा नहीं होती।
Happy mother day
“जब मैं खुद पर हँसता हूँ तो मेरे ऊपर से मेरा बोझ कम हो जाता है।”-रबीन्द्रनाथ ठाकुर
“प्रत्येक शिशु यह संदेश लेकर आता है
कि ईश्वर अभी मनुष्यों से निराश नहीं हुआ है।”
- रबीन्द्रनाथ ठाकुर
“मैं एक आशावादी होने का अपना ही संसकरण बन गया हूँ.
यदि मैं एक दरवाजे से नहीं जा पाता तो दुसरे से जाऊंगा-
या एक नया दरवाजा बनाऊंगा. वर्तमान चाहे
जितना भी अंधकारमय हो कुछ शानदार सामने आएगा।
रबीन्द्रनाथ टैगोर जयंती 2021 की हार्दिक शुभकामनाये”
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