“जब मैं खुद पर हँसता हूँ तो मेरे ऊपर से मेरा बोझ कम हो जाता है।”-रबीन्द्रनाथ ठाकुर
राष्ट्रगान के रचियता,
नोबेल पुरस्कार विजेता गुरुदेव रवीन्द्रनाथ
टैगोर जी की जयंती पर
कोटि कोटि नमन।
उनके विचार और लेखनी हमारे लिए प्रेरणास्रोत हैं।
“मैं एक आशावादी होने का अपना ही संसकरण बन गया हूँ.
यदि मैं एक दरवाजे से नहीं जा पाता तो दुसरे से जाऊंगा-
या एक नया दरवाजा बनाऊंगा. वर्तमान चाहे
जितना भी अंधकारमय हो कुछ शानदार सामने आएगा।
रबीन्द्रनाथ टैगोर जयंती 2021 की हार्दिक शुभकामनाये”