“मैं एक आशावादी होने का अपना ही संसकरण बन गया हूँ.

यदि मैं एक दरवाजे से नहीं जा पाता तो दुसरे से जाऊंगा-

या एक नया दरवाजा बनाऊंगा. वर्तमान चाहे

जितना भी अंधकारमय हो कुछ शानदार सामने आएगा।

रबीन्द्रनाथ टैगोर जयंती 2021 की हार्दिक शुभकामनाये”

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