Ishq Teray Baad Kisi Say Hua Hi nahi,
Aaye To Bohot Thay Apna Jism Laykar,
Par Teri Kasam Kisi Ko Chua Hi Nahi...
मेरे दर्द ने मेरे ज़ख्मों से शिकायत की है,
आँसुओं ने मेरे सब्र से बगावत की है,
ग़म मिला है तेरी चाहत के समंदर में,
हाँ मेरा जुर्म है कि मैंने मोहब्बत की है।