हिंदी भाषा नहीं भावों की अभिव्यक्ति है,
यह मातृभूमि पर मर मिटने की भक्ति हैं.
हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ
हिंदी है मातृभाषा सभी इसे जरूर अपनाएँ,
अपने बच्चों को हिंदी पढ़ना जरूर सिखाएँ।
एकता ही है देश का बल,
जरूरी है हिंदी का संबल.
होठ खामोश थे सिसकियाँ कह गयी,
द्वार बंद थे खिड़कियाँ कह गयी,
कुछ हमने कहा कुछ हिंदी कह गयी,
जो न कह पायें वो हिचकियाँ कह गयी.
वक्ताओं की ताकत भाषा,
लेखक का अभिमान हैं भाषा,
भाषाओं के शीर्ष पर बैठी,
मेरी प्यारी हिंदी भाषा.
आज स्याही से लिख दो तुम अपनी पहचान,
हिंदी हो तुम, हिंदी से सीखो करना प्यार.
हिंदी और हिन्दुस्तान हमारा हैं और हम इसकी शान हैं,
दिल हमारा एक हैं और एक हमारे जान हैं.
जबकि हर साँस मेरी , तेरी वजह से है माँ,
फिर तेरे नाम का दिन एक मुकर्रर क्यूँ हैं?
एक दिन ऐसा भी आएगा
हर तरफ हिंदी परचम लहराएगा,
इस राष्ट्र भाषा का हर ज्ञाता
विद्वान भारतवासी कहलाएगा।
बिछड़ जाएंगे अपने हमसे,
अगर अंग्रेजी टिक जाएगी,
मिट जाएगा वजूद हमारा,
अगर हिंदी मिट जाएगी।