“हमें अपने पूर्वजों से पृथ्वी विरासत में नहीं मिली है, हम इसे अपने बच्चों से उधार लेते हैं।”
“पृथ्वी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं”
जो पृथ्वी को नरक जैसा अनुभव करा रहा है वो
हमारी अपेक्षा है कि इसे स्वर्ग जैसा होना चाहिए.
प्रकृति के साथ सामंजस्य ही विकास का लक्ष्य होना चाहिए,
विश्व पृथ्वी दिवस की शुभकामनाएं…
World Earth Day पर आइये पृथ्वी के प्राकृतिक वातावरण
के प्रति संवेदनशील बनने का संकल्प लें|
धरती कह रही हैं बार बार,
सुन लो मनुष्य मेरी पुकार,
बड़े बड़े महलों को बना के,
मत डालो मुझ पर भार,
पेड़ पौधों को नष्ट करके,
मत उजाड़ो मेरा संसार,
धरती की बस यही पुकार…
पृथ्वी दिवस की शुभकामनाएं
मैं रूठी तो जग रूठा,
अगर मेरे सब्र का बांध टूटा,
नहीं बचेंगा कोई,
मेरे साथ अगर अन्याय करोंगे,
तो न्याय कहां से पाओंगे,
कभी बाढ़ तो कभी सुखा,
और भूकंप जैसी आपदा सहते जाओंगे,
धरती की बस यहीं पुकार,
मत उजाड़ों मेरा संसार…!!