मैं रूठी तो जग रूठा,
अगर मेरे सब्र का बांध टूटा,
नहीं बचेंगा कोई,
मेरे साथ अगर अन्याय करोंगे,
तो न्याय कहां से पाओंगे,
कभी बाढ़ तो कभी सुखा,
और भूकंप जैसी आपदा सहते जाओंगे,
धरती की बस यहीं पुकार,
मत उजाड़ों मेरा संसार…!!
पृथ्वी दिवस की शुभकामनाएं
“हमें अपने पूर्वजों से पृथ्वी विरासत में नहीं मिली है, हम इसे अपने बच्चों से उधार लेते हैं।”
“पृथ्वी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं”
“पृथ्वी की देखभाल करना हमारी जिम्मेदारी है।
हमारी आने वाली पीढ़ी को स्वस्थ धरती का आकार देना हमारी जिम्मेदारी है।
आइए हम इसे बेहतर जगह बनाने के लिए और काम करें।”
जो पृथ्वी को नरक जैसा अनुभव करा रहा है वो
हमारी अपेक्षा है कि इसे स्वर्ग जैसा होना चाहिए.
प्रकृति के साथ सामंजस्य ही विकास का लक्ष्य होना चाहिए,
विश्व पृथ्वी दिवस की शुभकामनाएं…
World Earth Day पर आइये पृथ्वी के प्राकृतिक वातावरण
के प्रति संवेदनशील बनने का संकल्प लें|
विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर आइये
हम सभी संकल्प ले की हम धरती को स्वच्छ
एवं पर्यावरण को सुरक्षित रखने में अपने
मानवीय कर्तव्यों को पालन करेंगे!!
आइए आज पर्यावरण संरक्षण एवं पृथ्वी को हरा-भरा व स्वच्छ बनाने का संकल्प लें।
“पृथ्वी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
धरती कह रही हैं बार बार,
सुन लो मनुष्य मेरी पुकार,
बड़े बड़े महलों को बना के,
मत डालो मुझ पर भार,
पेड़ पौधों को नष्ट करके,
मत उजाड़ो मेरा संसार,
धरती की बस यही पुकार…
मैं हूं सबकी जीवन दाता,
मैं हूं सबकी भाग्य विधाता,
करने डॉ मुझे सब जीवो पर उपकार,
मत करो मेरे पहाड़ों पर विस्फ़ोटक वार,