“आज भरतु की ब्वारी कपाल पर मोल थै लगाणी. कैन पुछि- किलै छन इना कना. त् जवाब मिली : रेडियो बोल रहा था, सुरक्षित काले मेरे बाल. भैंसमोल ने किया कमाल″
बोडी मि बोडाफोन बटी बुनू छॉ
बोडी : अरे लाटा तू बोडा कु फोन बटी बुनी छैं अर यख सुबेर बटी तयार बोडा फोन खुजाणू च।
मास्टर जी : हाँ रे मंगतू…!!
त्येरा सिर्फ 5 नंबर छन आयां का अर तू फिर भी हेसण लग्युं च….!! किले रे…!!
.
मंगुतु : मासाब… मी त यी बात सोची छुं हेसणु की यी 5 भी कन म ऐन… ?
मजाक कने भी हद होन्दी यार
मी एक नौनी दगड छो बेठ्यूं
बड़ी मुश्किल से बात बणाई छे…
…
यो कमीना दोस्त आई अर ब्वन लगी
ब्यो का बाद...
घरवाली तैं लगदु मां सिखा रही है..
और मां तैं लगदु घरवाली सिखा रही है..
बिचारु आदमी करु त क्या करु..??
भगवान चंद-: यार तु चटणी बिज़ा स्वादिष्ट कना बणोदी..??
सुमन गौड़-:चटणी सिलोटा मा थैच्दी दाँ तुम्हारू ध्यान करदु बस..! ?
मास्टर जी का प्रश्न : लू कितने प्रकार की होती है
पहाड़ी स्टूडेंट : गुरूजी लू तो बिजां प्रकार की होती हैं
औ-लू , जा-लू , खा-लू , पी-लू , देख-लू , नाच-लू , पढ़-लू , हेंस-लू , म-लू
भाई साहब हम पहाड़ियों में लड़ाईयों के भी प्रकार(category)है ।
1-फतोड़ा-फतोड़ ,2-मारा-मार। 3-काटा-काट 4-धदोड़ा-धदोड़ 5-थेचा-थेच ???????
स्वर्ग मेँ पहुँचते ही भगवान ने उसकी रुह को सीने से लगा लिया
और बोले
“पगले मैँने तुझे जिँदगी जीने के लिये जमीन पर भेजा था
और तू इसे उत्तराखण्ड “समूह ग ” की तैयारी मेँ खत्म कर आया!!!!!!????
एक पहाड़ी ने चीन में चाय की दुकान खोली और उसका नाम रखा: “पहाड़ी टी स्टाल“..।
दुकान ज्यादा दिनों तक नहीं चली,
तो किसी ने सलाह दी कि अगर चीन में तरक्की करनी है तो दुकान का नाम भी चाइनीज में ही रखो।
अब उसकी दुकान अच्छी चल रही है क्योंकि दुकान का नाम रखा है:
“ताती ताती चा फू फू करके पी”
? ? ?
रामजी की चिट्ठी सीता ते.
मेरी प्यारी सीता तु कन छे ?
मेंते तेरी याद ओणी चा !
अच्छा सुण मेरा त्वेते हनुमान बांदर मा काफल दिया छान.
गिण ले अगर एक भी काफल कम होलू ता वे बांदर पूछड़ी माँ आग लगे दे !
अर वे रावण तै बोली दे क़ि मेर आदमींन तू ख़तम कन
सीता मेरी रिफिल खतम होणी चा ! आपरू ध्यान रखी ! ...
गुरूजी : नौना…स्कूळ आणम अबेर किळे हवे ?
पन्नू : गुरूजी…बुई-बुबा ळड़ै कना छ्याई
गुरूजी : ऊं झगड़णा छ्याई त ठिक च…पर तिळ अबेर किळे क्याई ?
पन्नू : गुरूजी…इक्क जुत्ता बुबा हत्तम छै अर दुसर बुई म|| ????
मगंतु चैतु के ढाबे में पहली बार
मंगतू - गरम क्या च?
चैतु - चो उमिन.
मंगतू - और गरम?
चैतु - समोसा.
चैतु - चाय.
चैतु - मुछ्यालू च मुछ्यालू च
हां ल्यो बल मेरी बीडी बुजी गे?????
पत्ती - तुम मै दगड करवाचौथ कु व्रत
रखणा छन ना ???
पतिदेव - मिन कभी बोली च मैर दगड बैठिक दारू पी???
बच्चे को सुलाती माँ-
अंग्रेज- Good night son
देशी माँ – सो जाओ बेटा, शुभ रात्रि
गढ़वाली माँ- सैजा रे नैहुन्या… आब त भूत ले सी गै हुनेला.??
एक लड़का शादी के लिये गांव की सीधी-सादी लड़की देखने गया.
लड़की – दाज्यू! तुमार कतुक भै-बैंणि छन
लड़का – ऐल तक एक भाया एक बैंणि छ्यां, आब एक बैंणि आजि हैगे.??
खिमुली – य जो रोज तुम फैसबुक में रोमांटिक शायरी लिखछा कि,
ये तेरी जुल्फे है जैसे की रेशम की डोर , ?
य कैक लिजी लिखछा ?
खीमदा – त्यर लीजी तो लिखनू मै लाटी ! और को भै मेरि जिंदगी में….???
खिमुली – पै कभते त रेशमे डोर अगर हरि साग में ए जाछि तो किले चिल्लाछा हो ! ? ? ?
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