खिमुली – य जो रोज तुम फैसबुक में रोमांटिक शायरी लिखछा कि,
ये तेरी जुल्फे है जैसे की रेशम की डोर , ?
य कैक लिजी लिखछा ?
खीमदा – त्यर लीजी तो लिखनू मै लाटी ! और को भै मेरि जिंदगी में….???
खिमुली – पै कभते त रेशमे डोर अगर हरि साग में ए जाछि तो किले चिल्लाछा हो ! ? ? ?