एक लड़का शादी के लिये गांव की सीधी-सादी लड़की देखने गया.
लड़की – दाज्यू! तुमार कतुक भै-बैंणि छन
लड़का – ऐल तक एक भाया एक बैंणि छ्यां, आब एक बैंणि आजि हैगे.??
मास्टर जी : हाँ रे मंगतू…!!
त्येरा सिर्फ 5 नंबर छन आयां का अर तू फिर भी हेसण लग्युं च….!! किले रे…!!
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मंगुतु : मासाब… मी त यी बात सोची छुं हेसणु की यी 5 भी कन म ऐन… ?
उत्तराखंड में पलायन के लिए
आज से लगभग
बीस -पच्चीस साल पहले की वे औरतें भी ज़िम्मेदार हैं,
जो ज़रा -ज़रा सी बात पर अड़ोसियों -पड़ोसियों को
डायरेक्ट
“तेरि कुड़ि बाँजि होली ” वाली गालियाँ देती थी |
Master:- 2 mein se 2 gye kitne rhe ?
Monu: Samaj me nahi aya
Master: Gadwali mein beta teema dui roti chan, tin dui roti khai deen. te ma kya bachi?
Monu: Bhuji..
एक पहाड़ी ने चीन में चाय की दुकान खोली और उसका नाम रखा: “पहाड़ी टी स्टाल“..।
दुकान ज्यादा दिनों तक नहीं चली,
तो किसी ने सलाह दी कि अगर चीन में तरक्की करनी है तो दुकान का नाम भी चाइनीज में ही रखो।
अब उसकी दुकान अच्छी चल रही है क्योंकि दुकान का नाम रखा है:
“ताती ताती चा फू फू करके पी”
कुमाऊंनी महिला का अपने पति के लिए डरावना स्टेटस….
“मी तुमुकै भौते प्यार करनू पर ध्यान धरिया-
म्यर विश्वास और तुमार भांट एक्के दिन टुटाल
दादी पोती का एक पहाड़ी संवाद.....
गर्मियों की छुट्टियों मा पोती Delhi बिटी की अपणांं Tehri gadwal गौं गैई त वख एक दादीन पूछी:
दादी:- हे बबा, तु तैं दिल्ली मा क्य छै करनी,अजकालु?
,
नतेण:- दादी मी नर्सिंग कु कोर्स छौं करनु।
दादी गुस्सा मा:- कनु बिजोक पडी बबा, ए जमाना मुंद, देवी देवतों कु भी कोर्स कर्न लग्यां छन मनखी।
पर हे निर्भेगी, अगर त्वै तै करन कु वास्ता सिर्फ ई कोर्स रैगि छौ त तु कैं काली माता ,भगवती कू कोर्स करदी। नरसिगौं कोर्स किलै पकडी तिन ?......। नरसिंग त सिर्फ बैखु पर आन्दु, जनान्यों पर नि आन्दु..........।
एक बार एक आदमी चिड़ियाघर में जाता है एक तोते के बाहर लिखा था
” ये हिन्दी , ईंगलिश और गढ़वाली भाषा में बोलने वाला तोता “
आदमी ने इस बात को टेस्ट करने के लिए तोता से पहले ईंगलिश में पूछा –
” Who are you ” ( हु आर यू )
तोता – I am parrot (आई एम पैरॉट )
आदमी – (हिन्दी में) तुम कौन हो ?
तोता – मै एक तोता हूँ ।
आदमी – (इस बार गढ़वाली में) तुं कु छे रै ??
तोता – मी तयार बुबबा . . . .कमीणा साळा, तेथे मीन दुइ बार बतायल, तेर समझम नी आणि च। सुंगरुक नोनु साला
सासु- ब्वारी रुणि किले छै? ब्वारी- जी क्या मि भैंस जन छौ? सास- न ब्वारी न । ब्वारी- क्या मि कचोर्या छौं? सास- न भै न। ब्वारी- क्या म्यर गिचु उरख्याला जन च? सास- कु बोलणु तेकु इन। ब्वारी-क्या म्यारु नाक पकोड़ा जन च? सास-न बेटी न। ब्वारी-फिर गों वला मी खु किले बुलणा छिन की तू अपड़ी सासु जनि ...
TEACHER-bacho aam ko mango kyu kahte h?? Gadwali Boy-guru ji kan baat knna chaa tum,aam 50rupya kiloo huyaan chan ta unthe mango ni bun to sastu bun.
जिंदगी में अगर आगे बढ़ना है..
तो एक बात गाँठ बाँध लो...
“ फुन्डे सोर ” बोलते जाओ....
........आगे बढ़ते जाओ?
“आज भरतु की ब्वारी कपाल पर मोल थै लगाणी. कैन पुछि- किलै छन इना कना. त् जवाब मिली : रेडियो बोल रहा था, सुरक्षित काले मेरे बाल. भैंसमोल ने किया कमाल″
बोडी मि बोडाफोन बटी बुनू छॉ
बोडी : अरे लाटा तू बोडा कु फोन बटी बुनी छैं अर यख सुबेर बटी तयार बोडा फोन खुजाणू च।
मजाक कने भी हद होन्दी यार
मी एक नौनी दगड छो बेठ्यूं
बड़ी मुश्किल से बात बणाई छे…
…
यो कमीना दोस्त आई अर ब्वन लगी
ब्यो का बाद...
घरवाली तैं लगदु मां सिखा रही है..
और मां तैं लगदु घरवाली सिखा रही है..
बिचारु आदमी करु त क्या करु..??
भगवान चंद-: यार तु चटणी बिज़ा स्वादिष्ट कना बणोदी..??
सुमन गौड़-:चटणी सिलोटा मा थैच्दी दाँ तुम्हारू ध्यान करदु बस..! ?
मास्टर जी का प्रश्न : लू कितने प्रकार की होती है
पहाड़ी स्टूडेंट : गुरूजी लू तो बिजां प्रकार की होती हैं
औ-लू , जा-लू , खा-लू , पी-लू , देख-लू , नाच-लू , पढ़-लू , हेंस-लू , म-लू
भाई साहब हम पहाड़ियों में लड़ाईयों के भी प्रकार(category)है ।
1-फतोड़ा-फतोड़ ,2-मारा-मार। 3-काटा-काट 4-धदोड़ा-धदोड़ 5-थेचा-थेच ???????
स्वर्ग मेँ पहुँचते ही भगवान ने उसकी रुह को सीने से लगा लिया
और बोले
“पगले मैँने तुझे जिँदगी जीने के लिये जमीन पर भेजा था
और तू इसे उत्तराखण्ड “समूह ग ” की तैयारी मेँ खत्म कर आया!!!!!!????
? ? ?
रामजी की चिट्ठी सीता ते.
मेरी प्यारी सीता तु कन छे ?
मेंते तेरी याद ओणी चा !
अच्छा सुण मेरा त्वेते हनुमान बांदर मा काफल दिया छान.
गिण ले अगर एक भी काफल कम होलू ता वे बांदर पूछड़ी माँ आग लगे दे !
अर वे रावण तै बोली दे क़ि मेर आदमींन तू ख़तम कन
सीता मेरी रिफिल खतम होणी चा ! आपरू ध्यान रखी ! ...
गुरूजी : नौना…स्कूळ आणम अबेर किळे हवे ?
पन्नू : गुरूजी…बुई-बुबा ळड़ै कना छ्याई
गुरूजी : ऊं झगड़णा छ्याई त ठिक च…पर तिळ अबेर किळे क्याई ?
पन्नू : गुरूजी…इक्क जुत्ता बुबा हत्तम छै अर दुसर बुई म|| ????
मगंतु चैतु के ढाबे में पहली बार
मंगतू - गरम क्या च?
चैतु - चो उमिन.
मंगतू - और गरम?
चैतु - समोसा.
चैतु - चाय.
चैतु - मुछ्यालू च मुछ्यालू च
हां ल्यो बल मेरी बीडी बुजी गे?????
पत्ती - तुम मै दगड करवाचौथ कु व्रत
रखणा छन ना ???
पतिदेव - मिन कभी बोली च मैर दगड बैठिक दारू पी???
बच्चे को सुलाती माँ-
अंग्रेज- Good night son
देशी माँ – सो जाओ बेटा, शुभ रात्रि
गढ़वाली माँ- सैजा रे नैहुन्या… आब त भूत ले सी गै हुनेला.??
खिमुली – य जो रोज तुम फैसबुक में रोमांटिक शायरी लिखछा कि,
ये तेरी जुल्फे है जैसे की रेशम की डोर , ?
य कैक लिजी लिखछा ?
खीमदा – त्यर लीजी तो लिखनू मै लाटी ! और को भै मेरि जिंदगी में….???
खिमुली – पै कभते त रेशमे डोर अगर हरि साग में ए जाछि तो किले चिल्लाछा हो ! ? ? ?
सासु- ब्वारी रुणि किले छै?
ब्वारी- जी क्या मि भैंस जन छौ?
सास- न ब्वारी न ।
ब्वारी- क्या मि कचोर्या छौं?
सास- न भै न।
ब्वारी- क्या म्यर गिचु उरख्याला जन च?
सास- कु बोलणु तेकु इन।
ब्वारी-क्या म्यारु नाक पकोड़ा जन च?
सास-न बेटी न।
ब्वारी-फिर गों वला मी खु किले बुलणा छिन की तू अपड़ी सासु जनि छै।
सासु बेहोश…???????