जिसकी वजह से पूरा हिंदुस्तान
चैन से सोता है
उस फौजी को सलाम जो कभी
अपना धैर्य नहीं खोता है….
मोदी जी कुछ बात सुनो अब आरपार हो जाने दो
सेना को आदेश थमा दो पाक साफ़ हो जाने दो
यदि हाल मेरी बहना पूछे तो उसे सूनी कलाई दिखा देना,
इतने पर भी न समझे तो, राखी तोड़ दिखा देना
फौजी की मौत पर परिवार को दुःख
कम और गर्व ज्यादा होता है
ऐसे सपूतों को जन्म देकर माँ की कोख
भी धन्य हो जाती है!!
जो देश के लिए शहीद हुए
उनको मेरा सलाम है
अपने खूं से जिस जमीं को खींचा
उन बहादुर को सलाम है…..
नींद उड़ गयी यह सोच कर की हमने क्या किया है देश के लिए
आज फिर सरहद पर बहा हैं खून मेरी नींद के लिए
मुझे आज भी याद हैं वो दिन, जब हिंदुस्तान रोया था..
पुलवामा पर धोके से, दुश्मनो ने हमला कराया था..
ऐसी भारत मां के बेटे मान गंवाना क्या जाने
मेरे देश के लाल हठीले शीश झुकाना क्या जाने
प्रेम दिवस कैसे मनाता, जब चारो तरफ गम के बादल छाए थे ..
नमन हैं मेरा उन शहिदो को, जो तिरंगा ओढ कर आए थे ..
मैं भारतवर्ष का हरदम अमिट सम्मान करता हूँ
यहाँ की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ,
मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की,
तिरंगा हो कफ़न मेरा, बस यही अरमान रखता हूँ
जल्दी वापस घर आ जाओ
याद बहुत ही आती है
कहाँ गए हो लाल मेरे तुम
माँ आवाज लगती है
उन आँखो की दो बूंद से
समन्दर भी हारा होगा।
जब मेहंदी वाले हाथों ने
अपना मगंलसूत्र उतारे होगें
हम चैन से सो सके, इस लिए वो लड़ कर जीत कर सो गया
इस देश का सच्चा बेटा था वो भी, जो आज शहिद हो गया ..
खून से खेलेंगे होली,
अगर वतन मुश्किल में है
सरफ़रोशी की तमन्ना
अब हमारे दिल में है
जब देश में थी दीवाली, वो खेल रहे थे होली
जब हम बैठे थे घरों में, वो झेल रहे थे गोली
गबाजी इस आतंक की बेरंग होनी चाहिए
हो गया आगाज़ बस अब जंग होनी चाहिए
छिन गये हैं लाल कितने भारती की गोद से
कोख पाकिस्तान की भी तंग होनी चाहिए
शहीदों को नमन जय हिन्द जय भारत
हो समर्पित वतन पे ललन चाहिए
देश के लिए शहीद हुए जवान जैसे रतन चाहिए
मृत्यु के बाद यदि फिर से जन्म मिले
तो भारत ही मुझको वतन चाहिए
भारत ही मुझ को वतन चाहिए
माँ तेरी पुकार ना सुन पाया था, जब धरती माँ ने पुकारा था
राखी भी याद ना आई, जब धरती मेरी लहू लुहान हुई
प्रिये तेरा स्नेह भी भुला, जब शंखनाद युद्ध का गूंज उठा
श्रृंगार वीर का धर लिया अब, सम्मुख केवल विजयपथ दिखा
लहू से धरती सींचने को उतावले, युद्ध की रणभेरी बजाने चले
तेरी रक्षा करते हुए चाहे, प्राण भी मेरे निकल जाए
पर अंतिम शब्द मुख से यही रहेंगे, देश मेरा विजय अमर रहे
दरिंदो ने 14 फरवरी को दर्द भरा इतिहास बना दिया
चहचाते परिवार को मिनटों में राख बना दिया
ज़माने भर में मिलते हे आशिक कई ,
मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता ,
नोटों में भी लिपट कर,
सोने में सिमटकर मरे हे कई ,
मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफ़न नहीं होता।
Pulwama Terror Attack
कुछ नशा तिरंगे की आन का है,
कुछ नशा मातृभूमि की शान का है,
हम लहरायेंगे हर जगह ये तिरंगा,
नशा ये हिंदुस्तान की शान का है।
ना किसी एक जात के लिए
ना किसी एक धर्म के लिए
ना किसी लालच से ना किसी डर से,
बस जिद्द सिर्फ एक कि मेरी भारत माँ आजाद हो सके,
और हर एक भारत वासी आज़ाद भारत में
आजादी से खुली सांस ले सके,
शत शत नमन है ऐसे आज़ादी के दीवानों को।
उनके हौंसले का मुकाबला ही नहीं है कोई
जिनकी कुर्बानी का कर्ज हम पर उधार है,
आज हम इसीलिए खुशहाल हैं क्यूंकि
सीमा पे जवान बलिदान को तैयार है..
Pulwama Attack