ज्योत से ज्योत जगाते चलो,
प्रेम की गंगा बहाते चलो,
राह में आए जो दीन दुखी,
सबको गले लगाते चलो,
दिन आएगा सबका सुनहरा,
मेरी तरफ से शुभ दशहरा…
बुराई का होता है विनाश,
दशहरा लाता है उम्मीद की आस,
रावण की तरह आपके दुखों का होगा नाश,
इस पावन पर्व पर यह है हमारी आस…
आज की नई सुबह इतनी सुहानी हो जाए,
आपके दुखों की सारी बातें पुरानी हो जाएं,
दे जाए इतनी खुशियां ये दशहरा आपको,
कि ख़ुशी भी आपके मुस्कुराहट की दीवानी हो जाएं…
चाँद की चाँदनी शरद की बहार,
फूलों की खुशबू अपनों का प्यार,
मुबारक हो आपको विजयादशमी का त्योंहार,
सदा खुश रहें आप और आपका परिवार
बुराई को खुद से और इस देश से दूर भगाओ,
अच्छाई को अपने जीवन में अपनाओ,
रावण को जलाओ और भ्रष्टाचार मिटाओ,
प्रगति के पथ पर भारत देश को आगे बढ़ाओ…