लेकर मौसम की बहार
आया बसंत ऋतू का त्योहार
आओ हम सब मिलके मनाये
दिल में भर के उमंग और प्यार
बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं
हैप्पी बसंत पंचमी 2021
बहारो में बहार बसंत
मीठा मौसम मीठी उमंग
रंग बिरंगी उड़ती आकाश में पतंग
तुम साथ हो तो है इस ज़िंदगी का और ही रंग
हल्के-हल्के से हो बादल
खुला-खुला सा हो आकाश
मिल कर उड़ाएं पतंग अमन की
आओ फैलाएं खुशियों का पैगाम
बसंत पंचमी की शुभकामनाएं
हैप्पी बसंत पंचमी।
सरस्वती पूजा का यह प्यारा त्यौहार,
जीवन में खुशी लाएगा अपार,
सरस्वती विराजे आपके द्वार,
शुभकामनाएं हमारी करें स्वीकार।
बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं।
इश्क तो करता है हर कोई
महबूब पे तो मरता है हर कोई,
कभी वतन को महबूब बना के देखो
तुझ पे मरेगा हर कोई..
Pulwama Attack
सीने में जूनून और आंखों में देशभक्ति की चमक रखता हूं,
दुश्मन की सांसे थम जायें, आवाज में इतनी धमक रखता हूं
जो अब तक ना खौला,
वो खून नहीं पानी है,
जो देश के काम ना आये,
वो बेकार जवानी है..
मैं मुल्क की हिफाजत करूंगा
ये मुल्क मेरी जान है,
इसकी रक्षा के लिए
मेरा दिल और जां कुर्बान है
दिलों की नफरत को निकालो,
वतन के इन दुश्मनों को मारो,
ये देश है खतरे में ए -मेरे -हमवतन,
भारत मां के सम्मान को बचा लो
अपना घर छोड़ कर,
सरहद को अपना ठिकाना बना लिया,
जान हथेली पर रखकर,
देश की हिफाजत को अपना धर्म बना लिया।
Pulwama Terror Attack
फ़ौजी की मौत पर परिवार को दुःख कम और गर्व ज्यादा होता हैं,
ऐसे सपूतो को जन्म देकर माँ का कोख भी धन्य हो जाता हैं.
जिसकी वजह से पूरा हिन्दुस्तान चैन से सोता हैं,
कड़ी ठंड, गर्मी और बरसात में अपना धैर्य न खोता हैं।
भारत माता के इन सपूतो के ऋणी हैं हम भारतवासी,
अपने दिलो मे आपको हमेशा जिंदा रखेंगे और,
आने वाली नसलों को तुम्हारे बलिदान की गाथा सुनाते रहेंगे।
खुशनसीब हैं वो जो वतन पर मिट जाते हैं,
मरकर भी वो लोग अमर हो जाते हैं,
करता हूँ उन्हें सलाम ए वतन पे मिटने वालों,
तुम्हारी हर साँस में तिरंगे का नसीब बसता है।
आजादी की कभी शाम नहीं होने देंगे
शहीदों की कुर्बानी बदनाम नहीं होने देंगे
बची हो जो एक बूंद भी लहू की
तब तक भारत माता का आँचल नीलाम नहीं होने देंगे।
दे सलामी इस तिरंगे को
जिस से तेरी शान हैं
सर हमेशा ऊँचा रखना इसका
जब तक दिल में जान हैं
देश के जवान भिगोकर लहू में वर्दी कहानी दे गए अपनी,
मोहब्बत मुल्क की सच्ची निशानी दे गए अपनी,
मनाते रह गए वेलेंटाइन-डे यहां हम तुम,
वहां कश्मीर में सैनिक जवानी दे गए अपनी
कैसे कहू की मै आज भी जिन्दा हूँ
मेरी मौत का तो जश्न मनाया जा रहा है
जरुरत के हिसाब से मुझे शहीद बताकर
आज की राजनीती में मुझे गुलाम बनाया जा रहा है
कतरा – कतरा भी दिया वतन के वास्ते,
एक बूंद तक ना बचाई इस तन के वास्ते,
यूं तो मरते है लाखो लोग हर रोज,
पर मरना तो वो है जो जान जाये वतन के वास्ते
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