“मैंने स्वप्न देखा कि जीवन आनंद है.
मैं जागा और पाया कि जीवन सेवा है.
मैंने सेवा की और पाया कि सेवा में ही आनंद है.”
- रबीन्द्रनाथ ठाकुर
भारतीय राष्ट्रगान के रचियता,
विश्वविख्यात कवि, साहित्यकार, दार्शनिक और
नोबेल पुरस्कार से सम्मानित
गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर की जयंती पर शत्-शत् नमन।
“बर्तन में रखा पानी चमकता है, समुंद्र का पानी अस्पष्ट होता है,
लघु सत्य स्पष्ट शब्दों से कहा जा सकता है, महान सत्य मौन रहता है |
रबीन्द्रनाथ टैगोर जयंती 2021 की हार्दिक शुभकामनाये”
“छोटे ज्ञान के गिलास की तरह पानी!
स्पष्ट, पारदर्शी, शुद्ध
समुद्र की महाशक्ति
अंधेरा, रहस्यमय, असभ्य
हैप्पी रवींद्रनाथ टैगोर जयंती "
“सिर्फ तर्क करने वाला दिमाग एक ऐसे चाक़ू की तरह है
जिसमे सिर्फ ब्लेड है। यह इसका प्रयोग करने वाले को घायल कर देता है।”
-रबीन्द्रनाथ ठाकुर
“मौत प्रकाश को ख़त्म करना नहीं है;
ये सिर्फ भोर होने पर दीपक बुझाना है।”
“ऊंचे तक पहुंचें, सितारों के लिए आप में छिपा हुआ है।
गहरे सपने, हर सपने के लिए,
लक्ष्य से पहले
हैप्पी रवींद्रनाथ टैगोर जयंती 2021