“छोटे ज्ञान के गिलास की तरह पानी!

स्पष्ट, पारदर्शी, शुद्ध

समुद्र की महाशक्ति

अंधेरा, रहस्यमय, असभ्य

हैप्पी रवींद्रनाथ टैगोर जयंती "

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