लिपट जाओ फिर एक बार गले हमारे,

कोई दीवार ना रहे बीच हमारे तुम्हारे,

लिपट जाती जरूर अगर जमाने का डर ना होता,

बसा लेती मैं तुम्हें अगर सीने मैं घर होता।


"हैप्पी हग डे "


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