बाँहों के दरमियाँ दो प्यार मिल रहे हैं …

जाने क्या बोले मन ….

डोले सुनके बदन धड़कन बनी ज़ुबाँ ….

आके तेरी बाँहों में हर शाम लगे सिंधूरी…

मेरे मन को महकाए तेरे मन की कस्तूरी ।


Happy Hug day 

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