ये हिन्द झूम उठे गुल चमन में खिल जाएँ,

दुश्मनों के कलेजे नाम सुन के हिल जाएँ,

कोई औकात नहीं चीन-पाक जैसे देशों की

वतन को फिर से जो राणा प्रताप मिल जाएँ.

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