ना तेरा, ना मेरा,
ना इसका, ना उसका
ये वतन है सबका
कारगिल विजय दिवस पर शहीदों को नमन
जिंदगी जब तुझको समझा, मौत फिर क्या चीज है,
ऐ वतन तू हीं बता, तुझसे बड़ी क्या चीज है।
शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले,
वतन पर मिटने वालों का यही निशां होगा|
दिल में हौसलों का तेज और तूफान लिए फिरते हैं,
आसमान से ऊंची हम अपनी उड़ान लिए फिरते हैं।
वक्त क्या आजमाएगा हमारे जोश और जुनून को,
हम तो मुठ्ठी में अपनी जान लिए फिरते हैं।
कारगिल विजय दिवस की शुभकामनाएं
वतन पर मर-मिटने वालों का यही बाकी निशां होगा।
विजय दिवस पर शहीदों को नमन, जय हिन्द जय भारत।
जान तो कर दी हमने वतन के नाम पर,
शान तो कर दी हमने वतन के नाम पर
कुर्बानियों से पाई है हमने आज़ादी,
हमारा वतन तो लाखो में एक है,
आन भी कर दी हमने वतन के नाम पर।
आज फिर एक सिपाही जंग में शहीद हो गया,
जीते जीते अपनी साँसे हमारे नाम कर गया।
कभी दिल मांग लेना,
कभी जान माँग लेना,
अगर मौत अपनी चाहिए,
तो कभी हमसे हिन्दुस्तान माँग लेना।
ना जुबान से, ना निगाहों से
ना दिमाग से, ना रंगों से
ना ग्रीटिंग से, ना गिफ्ट से
आपको विजय दिवस मुबारक
डायरेक्ट दिल से
भारत माता तेरी गाथा
सबसे ऊँची तेरी शान
तेरे आगे शीश झुकाये
दे तुझको हम सब सम्मान
भारत माता की जय
हैप्पी विजय दिवस
जब आँख खुले तो धरती हिन्दुस्तान की हो
जब आँख बंद हो तो यादेँ हिन्दुस्तान की हो
हम मर भी जाए तो कोई गम नही लेकिन
मरते वक्त मिट्टी हिन्दुस्तान की हो
विजय दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
कुछ नशा तिरंगे की आन का है
कुछ नशा मातृभूमि की शान का है
हम लहरायेंगे हर जगह यह तिरंगा
नशा ये हिंदुस्तान की शान का है
मिलते नही जो हक वो लिए जाते हैं
है आजाद हम पर गुलाम किये जाते हैं
उन सिपाहियों को रात-दिन नमन करो
मौत के साए में जो जिए जाते हैं
दुनिया करती जिसे सलाम,
वो है भारत का सैनिक महान,
रणभूमि में दुश्मन को जो चटाए धूल,
वो है भारत का जवान
मेरे शरीर से आती है वतन की मिट्टी की खुशबु,
दुश्मन को चटाता हूं धूल,
आसमान को भी भर लूं मुठ्ठी में,
मैं रेगिस्तान में भी खिला दूं फूल
लिख रहा हूं मैं अजांम जिसका कल आगाज आयेगा
मेरे लहू का हर एक कतरा इकंलाब लाऐगा
मैं रहूँ या ना रहूँ पर ये वादा है तुमसे
मेरा कि मेरे बाद वतन पर मरने वालों का सैलाब आयेगा
विजय दिवस की हार्दिक बधाई