जो न दिन न रात कहते हैं,

जो हर दु;ख को हस के सहते हैं,

लगा कर सिना दिवार कि तरह,

देश कि हिफाजत करते है,

सलाम है मेरा उन वीरो को,

जिसके नाम से ही दुश्मन डरते है


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