जब तक जीना, तब तक सीखना!
यानी अनुभव ही
जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है…
एक विचार लो।
उस विचार को अपना जीवन बना लो।
उसके बारे में सोचो उसके सपने देखो,
उस विचार को जियो। अपने मस्तिष्क,
मांसपेशियों, नसों,
शरीर के हर हिस्से को उस विचार में डूब जाने दो,
और बाकी सभी विचार को किनारे रख दो।
यही सफल होने का तरीका है।
आज अपने देश को आवशयकता है –
लोहे के समान मांसपेशियों और वज्र के समान स्नायुओं की।
हम बहुत दिनों तक रो चुके,
अब और रोने की आवश्यकता नहीं,
अब अपने पैरों पर खड़े होओ और मनुष्य बनो।
डर उन लोगो का पीछा कभी
नहीं छोड़ता, जो गलत तरीके
से अपनी आजीविका कमाते है,
या दूसरों को नुकसान पहुंचाते है!
अपनी मदद स्वयं करो,
तुम्हारी मदद और कोई नहीं कर सकता,
तुम खुद के सबसे बड़े दुश्मन हो,
और खुद के सबसे अच्छे दोस्त भी…
स्वामी विवेकानंद
किसी एक विचार को
अपने जीवन का लक्ष्य बनाओ,
कुविचारों का त्याग कर केवल
उसी विचार के बारे में सोचो,
तुम पाओगे की सफलता
तुम्हारे कदम चूम रही है!
दिल और दिमाग के टकराव में दिल की सुनो.
स्वामी विवेकानंद जयंती की हार्दिक शुभकामनाए