वक्त अच्छा हो या बुरा, गुज़र ही जाता है,
लकिन बाते और लोग हमेश याद रहते है।
दर्द अक्सर उन्हे ही मिलता है,
जो रिश्ते दिल से निभाया करते है !!
सीखा देती है ज़िन्दगी जीना,
या वक़्त कोई उस्ताद से कम नहीं !
"ठीक हूँ " या तो हम किसी से भी कह सकते है,
लकिन "परेशां हूँ " ये कहने के लिए कोई खास चाहिए।
इंसान की सबसे बड़ी हार तब हो जाती है,
जब उसे पता चलता है कि जिसे हम सब कुछ
समझते है उसके लिए हम,
कुछ भी नहीं है !
जो अपना है ही नहीं, उस पर हक़ क्या जताना !
जो तकलीफ न समझे उसे, दर्द क्या बताना !
मुझे मालूम था के लौट कर अकेले ही आना है,
फिर भी तेरे साथ चार कदम चलना अच्छा लगा।
जिसे खुद से ही नहीं फुर्सते,
जिसे ख्याल अपने कमाल का,
उसे क्या खबर मेरे शोक की,
उसे क्या पता मेरे हाल का।
ज़िन्दगी उस दौर से गुज़र रही है,
जहाँ दिल दुखता है और चेहरा हँसता है।
मत आने दो किसी को करीब इतना,
की उससे दूर जाने से इंसान खुद से रूठ जाये।
हालातो ने खो दी इस चेहरे की मुस्कान,
वरना जहाँ बैठते थे रौनक ला दिया करते थे।
बुरा तो हमें हमारे हालात करते है,
जाने अनजाने मई सही वो हमारी बात करते है !