भेड़िया और सारस की कहानी
एक बार एक भेड़िया किसी जानवर को खा रहा था और जल्दबाज़ी में खाते हुए उसके गले में एक हड्डी फस जाती है। काफी कोशिशें करने के बाद भी वो हड्डी उसके गले से नहीं निकलती। अब वो एक बुरी स्थिति में फस चुका था।
तभी उसे एक सारस दिखा और उसकी लम्बी चोंच दिखी। उसको देखते ही भेड़िये को एक सुझाव् आया की सारस उसकी मदद कर सकता है। वो मदद के लिए सारस के पास गया। उसने सारस से कहा की वो उसकी मदद करे बदले में उसे वो उसका इनाम देगा पहले तो सारस घबरा गया पर भेड़िये के इनाम देने के लालच में उसने हाँ कर दी।
सारस ने जल्द ही हड्डी उसके गले से निकल दी। हड्डी निकलते ही भेड़िया चलने लगा तो सारस ने कहा, मेरा इनाम? तो भेड़िये ने कहा की,” क्या यह काफी नहीं है कि मैंने तुम्हारा सिर को बिना काटे ही अपने मुँह से बाहर निकालने दिया, यही तुम्हारा इनाम है”।
नैतिक शिक्षा: जिसका कोई आत्मसम्मान नहीं है उसकी सहायता करने के लिए किसी पुरस्कार की अपेक्षा ना करें। स्वार्थी लोगों के साथ रहने से आपको किसी प्रकार की मदद नहीं मिलेगी।