नवदुर्गा के आगमन से सजता है नया साल,
गुड़ी के त्योहार से खिलता है नया साल,
कोयल गाती है नए साल का मल्हार,
संगीतमय हो जाता है सारा संसार,
चैत्र की शुरुआत से होती है नई शुरुआत,
नौ दुर्गा के आगमन से सजता हैं नव वर्ष
गुड़ी के त्यौहार से खिलता हैं नव वर्ष
कोयल गाती है नववर्ष का मल्हार
संगीतमय सजता प्रकृति का आकार
चैत्र की शुरुवात से होता नव आरंभ
यही हैं हिन्दू नव वर्ष का शुभारम्भ
हैप्पी गुड़ी पड़वा
वृक्षों पर सजती नये पत्तों की बहार
हरियाली से महकता प्रकृति का व्यवहार
ऐसा सजता हैं गुड़ी का त्यौहार
मौसम ही कर देता नववर्ष का सत्कार
गुड़ी पड़वा की बधाई
नया दिन, नयी सुबह
चलो मनाये एक साथ
हैं यह गुडी का पर्व
दुआ करे सदा रहे हम साथ साथ
चारों तरफ हो खुशियाँ ही खुशियाँ
मीठी पुरनपोली और गुजियाँ ही गुजियाँ
द्वारे सजती सुंदर रंगोली की सौगात
आसमान में हर तरफ पतंगों की बारात
ऋतू से बदलता हिन्दू साल
नये वर्ष की छाती मौसम में बहार
बदलाव दिखता पृकृति में हर तरफ
ऐसे होता हिन्दू नव वर्ष का त्यौहार
गुड़ी पड़वा की हार्दिक शुभकामनाएं
खुशियां हो ओवरफ्लो
मस्ती कभी न हो लो
धन और शोहरत की हो बौछार
ऐसा आये आपके लिए गुड़ी पड़वा का त्यौहार
मधुर संगीत का साज खिले
हर एक पल खुशियां ही खुशियां मिले
दिया बाती से सजाओ गुड़ी का यह पर्व
ऐसे ही रोशन रहे नव वर्ष
आपको आशीर्वाद मिले गणेश जी से
विद्या मिले सरस्वती से
दौलत मिले लक्ष्मी में
खुशियां मिले रब से
प्यार मिले सब से
पूरी हो हर आपकी इच्छा
चुलबुला सा प्यार सा बीते यह साल
नव वर्ष में हो खुशियों का धमाल
गणगोर माता का मिले आशीष
इसी दुआ में झुकाते हैं शीष
हर एक दिन हो मुस्कान से खिला
छाई रहे खुशियों की मधुर बेला