चलो फिर से आज वो नजारा याद कर लें
शहीदों के दिल में थी वो ज्वाला याद कर ले
जिसमे बहकर आज़ादी पहुची थी किनारे पेदेशभक्तों के खून की वो धरा याद कर लें
इंडियन नेवी डे की शुभकामना
ज़माने भर में मिलते हैं आशिक कई
मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता
नोटों में भी लिपट कर
सोने में सिमटकर मरे हैं कई
मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफ़न नहीं होता
मैं इसका हनुमान हूँ
ये देश मेरा राम है
छाती चीर के देख लो
अन्दर बैठा हिन्दुस्तान है
जय हिंदी जय भारत
Happy Indian Navy Day
मुझे ना तन चाहिए, ना धन चाहिए
बस अमन से भरा यह वतन चाहिए
जब तक जिन्दा रहूं, इस मातृ-भूमि के लिए
और जब मरुँ तो तिरंगा कफ़न चाहिये
लिख रहा हूं मैं अजांम, जिसका कल आगाज आयेगा
मेरे लहू का हर एक कतरा, इंकलाब लाएगा
मैं रहूँ या ना रहूँ पर ये वादा है तुमसे मेरा,
कि मेरे बाद वतन पर मरने वालों का सैलाब आयेगा