है ये सारा जहाँ जिनकी शरण में
हमारा नमन है उन बाबा के चरण में
है पूजा के योग्य बाबा हम सबकी नजर में
आप मिलकर फूल बरसायें बाबा के चरण में.
Happy Ambedkar Jayanti
निंद अपनी खोकर जगाया हमको
आंसु अपने गिराकर हसाया हमको
कभी मत भुल ना उस महा मानव को
जमाना कहता है “बाबा साहब” जिनको
ये शान ये शौकत और ये ईमान न होता
आज कोई इस देश में किसी का मेहमान न होता
नही मिल पाती खुशियां हमे इस वतन में
अगर इस देश का संविधान बाबा साहेब ने लिखा न होता
घर घर में बाबासाहेब पहुंचे यही कोशीश है मेरी
हर जय भिम वाला सुट-बुट मे रहें यहीं चाहत हैं मेरी
भले ही कोई मुझे जय भिम ना कहे
हर अपने को जय भीम कहना आदत है मेरी
फूलो की कहानी बहारो ने लिखी…
रातो की कहानी सितारों ने लिखी…
हम नहीं है किसी के गुलाम…
क्योंकि हमारी जिंदगी,
बाबासाहब जी ने
लिखी!!
आज का दिन है बड़ा महान
बनकर सूरज चमका इक इंसान
कर गये सबके भले का ऐसा काम
बना गये हमारे देश का संविधान
सच्चाई को कभी यारों छोडना नहीं
अपने वादो से मुख कभी मोडना नहीं
जो भूल गये भिम के एहसान को हमेशा
ऐसे मक्कारो से रिशता भुलकर भी जोडना नहीं।
नींद खोयी अपनी बाबा साहेब आपने
हम रोते हों को हंसाया बाबा आपने
कभी न भूलेंगे हम अपने बाबा साहेब को
कहता है जमाना बाबा साहेब आंबेडकर जिनको
भीम जी ने हमे बलवान बना डाला है
हटा ना पाये वो चट्टान बना डाला है
नये युग की हमे पहचान बना डाला है
और हवा के ये झोके को तुफान बना डाला है.।
रुतबा मेरे सर को तेरे संविधान से मिला है
ये सम्मान भी मुझे तेरे संविधान से मिला है
औरो को जो मिला है वो मुकदर से मिला है
हमें तो मुकदर भी तेरे संविधान से मिला है
ना ‘जिंदगी’ की खुशी ना ‘मौत’ का गम
जब तक है..दम..”जय भीम” कहेंगे हम….!!!
नींद अपनी खोकर जगाया हमको,
आंसू अपने गिरा कर हंसाया हमको
कभी मत भूलना उस महान इंसान को,
जमाना कहता है बाबासाहेब आंबेडकर जिनको
नजारों मे नजारा देखा एसा नजारा नही देखा,
आसमान मे जब भी देखा
मेरे भीम जैसा सितारा नही देखा।
हमारा है नमन उन बाबा के चरण में
नीले अर्श पर नीली घटा छायी है ….
तेरे करम से बुद्ध की दौलत पायी है….
कोई नही पराया सारे भाई भाई है…
मिल जुलकर रहने मै सबकी भलाई है…
छोड्दो अपना पराया ए जय भिमवालो…
दिल से दिल मिलाने ये भिम जयंती आयी है…
नज़ारे देखे हमने हजारों
देखा न कभी ऐसा नजारा
आसमां में देखे सितारे बहुत
पर भीम जैसा सितारा न देखा