जो मातृभूमि की स्वतन्त्रता के लिए हर कष्ट सहन करते हैं,
रण में जो कभी हार नहीं माने उसको महाराणा प्रताप कहते हैं,
अकबर भी प्रताप के वीरता से घबराया था,
तभी तो हल्दीघाटी के युद्ध में वह स्वयं नही आया था,
राजपुताने की आन है राणा,
राजपुताने की शान है राणा,
वीरों के लिए एक पैगाम है राणा,
भारत के वीर पुत्र का नाम है राणा.
प्रताप के शौर्य की गाथा हर कोई सुनाएगा गाकर.
मातृभूमि भी धन्य हो गई प्रताप जैसा पुत्र पाकर,
महाराणा प्रताप से अकबर भी डरता था,
फिर स्वयं को वह वीर कैसे कहता था.
मातृभूमि के लिए सर्वस्व निछावर कर जाऊँगा,
वक्त आने पर मैं भी मेवाड़ी राणा बन जाऊँगा.
हल्दीघाटी के युद्ध में मेवाड़ी वीरों ने कोहराम मचाया था,
महाराणा प्रताप की वीरता देख अकबर भी घबराया था.
हर मां कि ये ख्वाहिश है, कि एक प्रताप वो भी पैदा करे
देख के उसकी शक्ती को, हर दुशमन उससे डरा करे
इकबाल था बुलंद, उसे धूल कर दिया
मद जिसका था प्रचंड, सारा दूर कर दिया
राणा प्रताप इकलौते, थे ऐसे वीर जिसने
अकबर का सारा घमंड, चूर चूर कर दिया
साहस का प्रतीक नीले घोड़े पर सवार
वीरता का प्रतीक मेरा मेवाड़ी सरदार
प्रताप की गौरव गाथा हर कोई सुनाएगा गाकर
मेवाड़ धरा भी धन्य हो गई प्रताप जैसा पुत्र पाकर
प्रताप का सिर कभी झुका नहीं
इस बात से अकबर भी शर्मिंदा था
मुगल कभी चैन से सो ना सके
जब तक मेवाड़ी राणा जिंदा था
चेतक पर चढ़ जिसने, भाले से दुश्मन संघारे थे
मातृ भूमि के खातिर, जंगल में कई साल गुजारे थे