जब हम बच्चे थे तब हम उनके आभारी हुआ करते थे जो क्रिसमस पर हमारे पैरों के लिए मोज़े देते थे .

तो भला हम मोजों के लिए पाँव देने पर भगवान् के आभारी क्यों नहीं हैं ?


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