“मैं तुमसि बहुत प्यार करदु पर याद रख्या”
मेरु विश्वास और तुमारा हडगा एकी दिन टुटणा
मैं काव-पट्ट भट्ट ज्यस
तू चांवो ज्यस सुकिल
के भलौ राजौड़ बनौल
जो हम द्ववी जौंल मिल….है
उइल प्यारल कौ आंखू मे चहाओ
के आंण लै रौ नजर
मील कौ पैलि आंख साफ कर
गिधड़ लै रयी गिधड़…..
सौदा नी ब्योपार नी।
यु नकद नी उधार नी।
माया बस माया होंदी
माया कैकि भी चार नी।।
ख्याल त्येरू मैं दगडी दिन रात रेंदू.
मन ब्वोदू हाथों माँ त्येरू हाथ चेंदू.
जिकुड़ी करदी धड़क धड़कब मिलली त्येरी एक झलक.
त्येरी मुखडी द्येखी ही त औंदी
म्येरी मुखड़ी मां चमक धमक.त्वे मिलण कु मनमा भारी कबलाट रेंदू.
ख्याल त्येरू मैं दगडी दिन रात रेंदू
क,
हे भैजि, ……कख़ा छिन्न।
ब्योडु तिमला पक्यां छिन्न।
ब्याळि ओन्दा…खीर खंदा,
आज भैंसा… थक्यां छिन्न।
ना तू ‘हां’ करछै
ना तू ‘ना’ करछै
अधपगल है गोयू मैं
आघिन पत्त ने के करछै।।
हैसंण उईक कमाल होय,
हिटौंण एकदम गजब
बुलांण में मिसिर घुली
चाहिये रै जानी सब….
ना मिल्न की खुसी होली
ना बिछुडन कु गम
उदास छा हम कन के बतान की कन छीन हम
तेरी औकात नहीं है..
पहाड़न को पाने की क्योंकि
मेरे बाल भी तेरी औकात से लंबे है.
मौसम ठन्डु छ जरा अपडु ख्याल रख्या,
अपणी दोस्ती इनी बरकरार रख्या,
हमारी यादोँ की खुशबू जरुर आली,
बस तुम अपणी प्यारी सी नाक साफ रख्या.
त्वेते म्येरि जौरत पर मैं दूर छौं।
त्येरा दुःख मा मैं भी दुखि जरूर छौं।
म्येरू हाथ र कंधा नी त्येरा पास,
क्य कन यार मैं हालत से मजबूर छौं।
कितली कि चा इस्टील का गिलास।
पलायन पर चलणी चर्चा यख खास।
हम बूड बुड्या रैग्यां अब गौंऊँ मा,
नौनि नौना उन्द कना नौकरी तलास।
हालत ब्वे बाबा कि तै दिन बटी ख़राब ह्वे
पढायूं लिखायूं नौनू जै दिन बटी साब ह्वे
जीन नि सिखै ह्वो ब्वे बाबा की कदर कन
तुमे ब्वौला स्य किताब बी क्वे किताब ह्वे
विधाता च जु सबूं कु हिसाब किताब करदू
कैगु सनक्वाळी त कैगु द्येर से हिसाब ह्वे