“प्रसन्न रहना बहुत सरल है, लेकिन सरल होना बहुत कठिन है।”-रबीन्द्रनाथ ठाकुर
केवल खड़े होकर पानी को ताकते रहने से
आप नदी को पार नहीं कर सकते हो।
-Rabindranath Tagore
रबीन्द्रनाथ टैगोर जयंती की शुभकामनाएं
“जो कुछ हमारा है वो हम तक तभी पहुचता है
जब हम उसे ग्रहण करने की क्षमता विकसित करते हैं। “
- रबीन्द्रनाथ ठाकुर