अम्मा आज लगा दे झूला

अम्मा आज लगा दे झूला,
इस झूले पर मैं झूलूँगा।
इस पर चढ़कर, उफपर बढ़कर,
आसमान को मैं छू लूँगा।

झूला झूल रही है डाली,
झूल रहा है पत्ता-पत्ता।
इस झूले पर बड़ा मजा है,
चल दिल्ली, ले चल कलकत्ता।

झूल रही नीचे की ध्रती,
उड़ चल, उड़ चल,
उड़ चल, उड़ चल।
बरस रहा है रिमझिम, रिमझिम,
उड़कर मैं लूटूँ दल-बादल। 

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