झूला झूल रही है डाली,झूल रहा है पत्ता-पत्ता।इस झूले पर बड़ा मजा है,चल दिल्ली, ले चल कलकत्ता।
झूल रही नीचे की ध्रती,उड़ चल, उड़ चल,उड़ चल, उड़ चल।बरस रहा है रिमझिम, रिमझिम,उड़कर मैं लूटूँ दल-बादल।