खड़े हो जाओ, हिम्मतवान बनो,
ताकतवर बन जाओ,
सब जवाबदारिया अपने सिर पर ओढ़ लो,
और समझो की अपने नसीब के रचियता आप खुद हो।
यदि स्वयं में विश्वास करना
और अधिक विस्तार से पढाया
और अभ्यास कराया गया होता,
तो मुझे यकीन है कि बुराइयों
और दुःख का एक बहुत बड़ा हिस्सा
गायब हो गया होता।
एक समय में एक काम करो,
और ऐसा करते समय,
अपनी पूरी आत्मा उसमे डाल दो,
और बाकी सब कुछ भूल जाओ!
मनुष्य स्वयं अपने
भाग्य का निर्माता है,
We Make
Our Own
Luck!
लगातार पवित्र विचार करते रहे,
बुरे संस्कारो को दबाने के लिए,
एक मात्र समाधान यही है…
स्वामी विवेकानंद
“मानव सेवा ही ईश्वर सेवा है।” यह कथनको सार्थकरूप देने वाले स्वामी विवेकानंद की जयंती पर हार्दिक शुभेच्छा