विश्व को मोहमई महिमा के असंख्य स्वरूप दिखा गया कान्हा,

सारथी तो कभी प्रेमी बना, तो कभी गुरू-धर्म निभा गया कान्हा,

रूप विराट धरा तो, धरा तो धरा हर लोक पे छा गया कान्हा,

रूप किया लघु तो इतना के यशोदा की गोद में आ गया कान्हा.

हैप्पी जन्माष्टमी


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