वो अर्श का चरागाह है,

मैं उस के कदमों की धूल हूं,

ऐ जिंदगी गवाह रहना,

मैं गुलाम-ए-रसूल हूं…

!!ईद-ए-मिलाद-उन-नबी मुबारक हो!!


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