सुबह से शाम तक वाहेगुरू की कृपा,

ऐसे ही गुजरे हर एक दिन,

न कभी हो किसी से गिला-शिकवा,

एक पल न गुजरे खुशियों बिन.

बैसाखी मुबारक हो.

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