सर्द-सी थी सुबह अब तक,

कुछ गुनगुनी हुई

ऊँघती-सी लगती थी औस,

अब चमकीली हुई

मिठास तो पहले थी

इस गुड और तीली में

जाने क्या है बात है

आज कुछ ज्यादा अपनी सी हुई

Happy Makar Sankranti

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