नीले अर्श पर नीली घटा छायी है ….
तेरे करम से बुद्ध की दौलत पायी है….
कोई नही पराया सारे भाई भाई है…
मिल जुलकर रहने मै सबकी भलाई है…
छोड्दो अपना पराया ए जय भिमवालो…
दिल से दिल मिलाने ये भिम जयंती आयी है…
है ये सारा जहाँ जिनकी शरण में
हमारा नमन है उन बाबा के चरण में
है पूजा के योग्य बाबा हम सबकी नजर में
आप मिलकर फूल बरसायें बाबा के चरण में.
Happy Ambedkar Jayanti
सच्चाई को कभी यारों छोडना नहीं
अपने वादो से मुख कभी मोडना नहीं
जो भूल गये भिम के एहसान को
ऐसे मक्कारो से रिशता भुलकर भी जोडना नहीं।
गरज उठे गगन सारा, समुन्दर छोडें आपना कीनारा
हिल जाए जहान सारा, जब गूंजे “जय भीम” का नारा
ममता,करणा और समता जिसका है आधार
हमारी उजाड़ी जिन्दगी में ला दी बाबा साहेब ने बहार
हमारी आजादी की कहानी लिखी हमारे भीम ने
खुशियों भरा सजाया हमारा संसार भीम ने
भीम जी ने हमे बलवान बना डाला है
हटा ना पाये वो चट्टान बना डाला है
नये युग की हमे पहचान बना डाला है
और हवा के ये झोके को तुफान बना डाला है
निंद अपनी खोकर जगाया हमको
आंसु अपने गिराकर हसाया हमको
कभी मत भुल ना उस महा मानव को
जमाना कहता है “बाबा साहब” जिनको
बाबा तेरी कलम के बल हम राज करते है
तेरी करनी पे बाबा हम नाज करते है
बदलेगा वक्त ओर जमाना भी
जय भीम के उदघोष से ये आगाज करते है
फूलो की कहानी बहारो ने लिखी
रातो की कहानी सितारों ने लिखी
हम नहीं है किसी के गुलाम
क्योंकि हमारी जिंदगी बाबासाहब जी ने लिखी
पैदा ना होता वो मसीहा तो खुशियों का सिलसिला नहीं होता
बे रंग रहती ये ज़मी और आसमान का रंग नीला नहीं होता
भारत तो कब का कंगाल हो जाता यारो
अगर भीम राव आंबेडकर जैसे हीरा मिला नहीं होता
कर गुजर गये वो भीम थे
दुनिया को जगाने वाले भीम थे
हमने तो सिर्फ इतिहास पढा है यारो
इतिहास बनाने वाले मेरे भीम थे