सच्चाई को कभी यारों छोडना नहीं

अपने वादो से मुख कभी मोडना नहीं

जो भूल गये भिम के एहसान को हमेशा

ऐसे मक्कारो से रिशता भुलकर भी जोडना नहीं।

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