दीप जलते रहे मन से मन मिलते रहे

 गिले सिकवे सारे मन से निकलते रहे सारे विश्व मे 

सुख-शांति की प्रभात ले आये ये दीपो का 

त्योहार खुशी की सोंगात ले आये

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