आशिक़ों के महबूब के पैरो की धुल हूँ,
हाँ मैं एक लाल गुलाब का फूल हूँ।
happy Rose Day
एक आरज़ू सी दिल मैं अक्सर छुपाये फिरता हूँ…
प्यार करता हूँ तुझ से, पर कहने से डरता हूँ…
नाराज़ ना हो जाओ कहीं मेरी गुस्ताखी से तुम…
इसलिए खामोश रह कर भी ,
तेरी धड़कन को सुना करता हूँ….!!
Happy Rose Day
आँखों को जब किसी की चाहत हो जाती है
उसे देख के ही दिल को राहत हो जाती है
कैसे भूल सकता है… कोई किसी को ‘ऐ’ दोस्त
जब किसी को किसी की आदत हो जाती है
मोहोब्बत कुछ इस कदर हो जाती है
उसे के रब से पहले उसकी इबादत हो जाती है…!!
खोया हूं तुम्हारे खयालो मे जमाने का कोई होश नही
ना समझो मुझे तुम दीवाना इतना भी मै मदहोश नही
चला तेरा जादू कुछ ऐसा धडकन मेरी खामोश नही
नजरें बन गई अब तेरी मुझमें इनका आघोश नही…!!