काँटों में भूल खिलाएं,
इस धरती को स्वर्ग बनायें,
आओ सबको गले लगायें
हम गणतंत्र का पर्व मनाएं।
नफरत करना है बुरी बात,
देश की उन्नति के लिए चाहिए सब का साथ,
न करो तेरा-मेरा ये देश तो है हम सब का।
मै भारत बरस का हरदम अमित सम्मान करता हूँ,
यहाँ की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ,
मुझे चिंता नही है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की,
तिरंगा हो कफ़न मेरा, बस यही अरमान रखता हूँ।
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