बाजरे की रोटी, आम का अचार,
सूरज की किरने, खुशियों की बहार,
चंदा इ चांदनी, अपनों का प्यार,
मुबारक हो आपको राम नवमी का त्यौहार !
हे मेरे प्रभु श्रीराम…
ना लोगों से भरी बस्ती चाहिए…
ना ऊँची हस्ती चाहिए…
मुझे तो हे प्रभु आपके
दिवानेपन की मस्ती चाहिए…
वीरों की दहाड़ होगी
हिन्दुओं की ललकार होगी,
आ रहा है वक्त जब फिर
हिन्दुओं की भरमार होगी..!!!
जय श्रीराम
मुझे नही पता मेरी life की story क्या होगी,
लेकिन उसमे ये कभी नही लिखा होगा कि, मैने हार मान ली…
जय श्रीराम…
कलम की धार तेज कर स्याही खून की बना दो…
हर एक हिन्दू के अन्दर भगवाँ को जगा दो – “जय श्री राम”
श्रीराम
चिंगारियों को हवा देकर,
हम दामन नहीं जलाते
हमारे मजबूत इरादे ही,
जिहादियों में आग लगा देते हैं
जय_श्री_राम