तन में मस्ती, मन में उमंग
देकर सबको अपनापन
गुड में जैसे मीठापन
होकर साथ हम उड़ाएं पतंग
और भर ले आकाश में अपने रंग
Happy Makar Sankranti
मीठे गुड में मिल गए तिल,
उडी पतंग और खिल गए दिल,
हर पल सुख और हर दिन शांति,
आप सबके लिए लाये मकर संक्रांति
मकर संक्रांति की शुभकामनाये
सुंदर कर्म, शुभ पर्व
हर पल सुख और हर दिन शान्ति
आप सब के लिए लाये मकर संक्रांति
गुड़ में जैसे मीठापन
और भर दें आकाश में अपने रंग
हैप्पी मकर सक्रांति
बाजरे की रोटी, निम्बू का अचार
सूरज की किरणें, चाँद की चाँदनी
और अपनों का प्यार
हर जीवन हो खुशहाल
मुबारक हो आपको संक्रांति का त्यौहार
दिल में है छायी मस्ती
मन में भरी है उमंग
उड़ती हैं पतंगें रंग बिरंगी
आसमान में छाया मकर संक्रांति का रंग
तिल पकवानों की मिठास जिंदगी में भरिये
पतंगों की तरह आकाश में बुलंदी पाइये
और अपनी मेहनत की डोर से बुलंदी को संभाल के रखिये
आपको मकर संक्रांति की शुभकामनायें
मीठी बोली, मीठी जुबान
मकर संक्रांति का यही पैगाम
मकर संक्रांति की शुभकामनायें
पल पल सुनहरे फूल खिलें
कभी ना हो काँटों का सामना
जिंदगी आपकी खुशियों से भरी रहे
संक्रांति पर हमारी यही शुभकामना
पतंगों का नशा,
मांझे की धार,
सर्दी की मार,
फिर भी दिल है बेक़रार,
मुबारक हो आपको पतंगों का त्यौहार
“हैप्पी मकर संक्रांति”
पूर्णिमा का चाँद रंगों की डोली
चाँद से उसकी चांदनी बोली
खुशियों से भरे आपकी झोली
मुबारक हो आप को रंग बिरंगी
‘पतंग वाली ‘ “मकर संक्रांति”
हैप्पी संक्रांति
मंदिर की घंटी, आरती की थाली,
नदी के किनारे सूरज की लाली,
ज़िन्दगी में आये खुशियों की बहार,
आपको मुबारक हो संक्रांत का त्यौहार
हैप्पी मकर संक्रांति
ठण्ड की एक सुबह पड़ेगा हमे नहाना
क्यों की संक्रांति का पर्व कर देगा मौसम सुहाना
कही पतंग कही दही चुरा कही खिचड़ी
सब कुछ का है मिल कर ख़ुशी मनना
हैप्पी सक्रांति
सूरज की राशि बदलेगी बहुतों की किस्मत बदलेगी,
यह साल का पहला पर्व होगा, जो बस खुशियों से भरा होगा!
तन में मस्ती, मन में उमंग, देकर सबको अपनापन,
गुड़ में जैसे मिठापन, होकर साथ हम उड़ाए पतंग,
भर दे आकाश में अपने रंग..
मकर संक्रांति के दिन
आपके जीवन का अंधेरा छंट जाए
एवं ज्ञान और प्रकाश से
आपका जीवन उज्ज्वल हो जाए।
काट ना सके कभी कोई पतंग आप की,
टूटे ना कभी डोर आपके विश्वास की,
छु लो आप जिंदगी की सारी कामयाबी
जैसे पतंग छूती है ऊँचाइयाँ आसमान की
मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकमाए!
बासमती चावल हो और उड़द की दाल
घी की महकती खुशबू हो और
आम का आचार दहीबड़े की
सुगंध के साथ हो अपनों का प्यार
मुबारक हो आप सभी को
खिचड़ी का ये भीना त्यौहार
तन में मस्ती, मन में उमंग,
चलो आकाश में डाले रंग,
हो जाये सब संग संग,
उडाए पतंग.. हैप्पी मकर संक्रान्ति
सर्द-सी थी सुबह अब तक,
कुछ गुनगुनी हुई
ऊँघती-सी लगती थी औस,
अब चमकीली हुई
मिठास तो पहले थी
इस गुड और तीली में
जाने क्या है बात है
आज कुछ ज्यादा अपनी सी हुई
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