घर घर में बाबासाहेब पहुंचे यही कोशीश है मेरी
हर जय भिम वाला सुट-बुट मे रहें यहीं चाहत हैं मेरी
भले ही कोई मुझे जय भिम ना कहे
हर अपने को जय भीम कहना आदत है मेरी
Happy Ambedkar Jayanti
नज़ारे देखे हमने हजारों
देखा न कभी ऐसा नजारा
आसमां में देखे सितारे बहुत
पर भीम जैसा सितारा न देखा
नींद अपनी खोकर जगाया हमको,
आंसू अपने गिरा कर हंसाया हमको
कभी मत भूलना उस महान इंसान को,
जमाना कहता है बाबासाहेब आंबेडकर जिनको
सच्चाई को कभी यारों छोडना नहीं
अपने वादो से मुख कभी मोडना नहीं
जो भूल गये भिम के एहसान को हमेशा
ऐसे मक्कारो से रिशता भुलकर भी जोडना नहीं।
ये शान ये शौकत और ये ईमान न होता
आज कोई इस देश में किसी का मेहमान न होता
नही मिल पाती खुशियां हमे इस वतन में
अगर इस देश का संविधान बाबा साहेब ने लिखा न होता
नीले अर्श पर नीली घटा छायी है ….
तेरे करम से बुद्ध की दौलत पायी है….
कोई नही पराया सारे भाई भाई है…
मिल जुलकर रहने मै सबकी भलाई है…
छोड्दो अपना पराया ए जय भिमवालो…
दिल से दिल मिलाने ये भिम जयंती आयी है…
रुतबा मेरे सर को तेरे संविधान से मिला है
ये सम्मान भी मुझे तेरे संविधान से मिला है
औरो को जो मिला है वो मुकदर से मिला है
हमें तो मुकदर भी तेरे संविधान से मिला है
ना ‘जिंदगी’ की खुशी ना ‘मौत’ का गम
जब तक है..दम..”जय भीम” कहेंगे हम….!!!
आज का दिन है बड़ा महान
बनकर सूरज चमका इक इंसान
कर गये सबके भले का ऐसा काम
बना गये हमारे देश का संविधान
निंद अपनी खोकर जगाया हमको
आंसु अपने गिराकर हसाया हमको
कभी मत भुल ना उस महा मानव को
जमाना कहता है “बाबा साहब” जिनको
है ये सारा जहाँ जिनकी शरण में
हमारा है नमन उन बाबा के चरण में
है पूजा के योग्य बाबा हम सबकी नजर में
आप मिलकर फूल बरसायें बाबा के चरण में.
भीम जी ने हमे बलवान बना डाला है
हटा ना पाये वो चट्टान बना डाला है
नये युग की हमे पहचान बना डाला है
और हवा के ये झोके को तुफान बना डाला है.।
हमारा नमन है उन बाबा के चरण में
नजारों मे नजारा देखा एसा नजारा नही देखा,
आसमान मे जब भी देखा
मेरे भीम जैसा सितारा नही देखा।
नींद खोयी अपनी बाबा साहेब आपने
हम रोते हों को हंसाया बाबा आपने
कभी न भूलेंगे हम अपने बाबा साहेब को
कहता है जमाना बाबा साहेब आंबेडकर जिनको
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